हत्या के केस में वांछित अर्जुन अवॉर्डी और पदम श्री से सम्मानित पहलवान सुशील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका हुई खारिज

 न्यायालय श्रीमान विशेष सत्र न्यायाधीश/एफ.टी.सी रोहिणी दिल्ली।

     सरकार   बनाम    सुशील कुमार
FIR NO 218/21,
अन्तर्गत धारा 302/308/365/325/323/341/506/188/269/34/120 B IPC, 25/54/59 Arms act,
थाना – माॅडल टाउन

विशेष सत्र न्यायाधीश/FTC रोहिणी दिल्ली ने मंगलवार को छत्रसाल स्टेडियम में 23 वर्षीय सागर धनखड की हत्या के मामले में वांछित चल रहे हत्या, गैर इरादतन हत्या के प्रयास के आरोपी पहलवान सुशील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका (अंतर्गत धारा 438 सीआरपीसी) खारिज कर दी।

राजस्थान उच्च न्यायालय ने कोविड -19 के शिकार निजी डॉक्टरों के लिए 50 लाख की अनुग्रह राशि मांगने वाली याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया


Wrestler Sushil Kumar 



अतिरिक्त विशेष सत्र न्यायाधीश/एफ.टी.सी जगदीश कुमार ने अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव और  प्रार्थी/अभियुक्त की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा, आर.एस.झाकड, बी.एस.झाकड, विक्रम सिंह झाकड, संजय, वैभव, सात्विक मिश्रा और मोहम्मद असहाब
को सुनने के बाद आदेश सुनाया।

We have drafted a series of short question papers to test your knowledge on various subjects of Law. The Paper contains anywhere between 20 – 25 multiple choice questions on a subject. You may select the Test of Your Choice, Mark your answers. Submit your response and get your evaluation within seconds. Hope you will enjoy while learning.

सुशील कुमार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता गणों द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष बहस के दौरान रखे गए तथ्य
[  ] यह कि प्रार्थी/अभियुक्त एक 37 साल का व्यक्ति है जिसके परिवार में उसकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं।
[  ] यह कि जांच एजेंसी द्वारा घटना के समय सौ नंबर पर फोन कर पुलिस को सूचना देने वाले व्यक्ति के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है। यह तथ्य जांच एजेंसी द्वारा जान – बूझकर छिपाया गया है।
[  ] यह कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रार्थी/अभियुक्त की गिरफ्तारी से उसके भी कोरोनावायरस से संक्रमित होने की सम्भावना बढ जाएगी।
[  ] यह कि प्रार्थी/अभियुक्त अकेला ऐसा भारतीय है जिसने लगातार दो बार देश के लिए ओलंपिक मेडल जीते हैं।
[  ] यह कि प्रार्थी/अभियुक्त को 2011 में भारत सरकार द्वारा पदम श्री के सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उसने खेल के क्षेत्र में देश को विशेष योगदान दिया है।
[  ] यह कि प्रार्थी/अभियुक्त को अर्जुन अवॉर्ड और राजीव गांधी खेल रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है।
[  ] यह कि प्रार्थी/अभियुक्त को दिल्ली पुलिस के सीनियर ऑफिसर द्वारा गलत तथ्यो के आधार पर फंसाया जा रहा है।
[  ] यह कि प्रार्थी/अभियुक्त को विवेचना अधिकारी द्वारा धारा 41 A दंड प्रक्रिया संहिता 1973 का भी कोई नोटिस नही दिया गया है।
[  ] यह कि प्रार्थी/अभियुक्त का पासपोर्ट पहले से ही जांच एजेंसी ने जब्त कर लिया है और उसका कोई कारण भी नही बताया।
[  ] यह कि प्रार्थी/अभियुक्त का उक्त घटना से कोई लेना देना नहीं है।

दूसरी तरफ से विशेष लोक अभियोजक द्वारा अग्रिम जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि प्रार्थी/अभियुक्त पर लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। प्रार्थी/अभियुक्त को चुटैल को स्टिक से पीटते हुए देखा गया था। विशेष अभियोजक द्वारा अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए यह भी कहा गया कि पूरे षडयंत्र का खुलासा करने के लिए और सह अभियुक्त की गिरफ्तारी एवं हथियार को बरामद करने के लिए प्रार्थी/अभियुक्त की गिरफ्तारी आवश्यक है।



दिल्ली पुलिस ने सोमवार को हत्या के मामले में वांछित चल रहे पहलवान सुशील कुमार की गिरफ्तारी के लिए किसी भी जानकारी या सुराग देने वाले व्यक्ति को 1 लाख रूपए का इनाम देने की घोषणा भी की गई। सह आरोपी अजय के संबंध में भी सूचना देने वाले व्यक्ति को ₹50,000 रूपए देने की घोषणा की गई।

सुशील कुमार के फरार होने के बाद दिल्ली की एक अदालत द्वारा शनिवार को उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये गए।

कथित तौर पर, सागर धनखड, जो कि प्रतिष्ठित छत्रसाल स्टेडियम में प्रशिक्षण ले रहे थे, की मृत्यु हो गई, जबकि उनके दो दोस्त 4 मई को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम परिसर में सुशील कुमार और कुछ अन्य पहलवानों द्वारा कथित रूप से मारपीट करने के बाद घायल हो गए।

यह भी बताया गया है कि मामले में पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि घटना के समय सुशील कुमार मौके पर मौजूद थे। दिल्ली पुलिस ने उक्त संबंध में सुशील कुमार और उसके अन्य साथियों के खिलाफ हत्या की धारा 302 भारतीय दंड संहिता 1860 और धारा 308 गैर इरादतन हत्या करने के प्रयास में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। Delhi Court Rejects Anticipatory Bail Plea Of Wrestler Sushil Kumar In Chhatrasal Stadium Murder Case

पुलिस ने कहा था कि पीड़ितों ने अपने बयानों में आरोप लगाया है कि सुशील और उसके साथियों ने सागर को मॉडल टाउन में उसके घर से अगवा किया था ताकि उसे अन्य पहलवानों के सामने गाली-गलौज करके सबक सिखाया जा सके।

Findings & Order of the Court

दोनों पक्षों को सुनने के बाद माननीय न्यायालय ने सुशीला अग्रवाल बनाम स्टेट ऑफ दिल्ली 2020 सुप्रीम कोर्ट का अवलोकन करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ द्वारा ऐसा कोई फार्मूला निर्धारित नहीं किया गया है कि किस मामले में अग्रिम जमानत स्वीकार करनी है और किसमें अस्वीकार।
अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करना या  खारिज करना न्यायालय के विवेक पर निर्भर करता है। मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए ही न्यायालय को निर्णय लेना है। प्रत्येक मामले मे अलग-अलग तथ्य और परिस्थिति होती हैं। लेकिन न्यायालय को निर्णय विवेकपूर्ण तरीके से ही लेना है। वर्तमान केस में प्रार्थी/अभियुक्त पर लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। अब तक की जांच का अवलोकन करने से प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त ही मुख्य साजिशकर्ता है और प्रथम सूचना रिपोर्ट कोई विश्वकोश नही है। विवेचना अभी भी जारी है और अभियुक्तगणों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

लिव-इन #रिलेशनशिप सामाजिकता और नैतिकता के आधार पर … https://t.co/g1nPKi9tWO pic.twitter.com/c2axCWojuh

— Basics in Indian Law (@advocatemohitbh) May 18, 2021

लिव-इन #रिलेशनशिप सामाजिकता और नैतिकता के आधार पर … https://t.co/g1nPKi9tWO pic.twitter.com/c2axCWojuh

— Basics in Indian Law (@advocatemohitbh) May 18, 2021


प्रार्थी/अभियुक्त के खिलाफ गैर जमानती वारंट पहले से ही जारी हो चुके हैं। न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए तथ्यों पर न्यायालय कोई टिप्पणी नहीं कर रहा है क्योंकि यह अग्रिम जमानत का चरण है और कोई भी टिप्पणी देने से पक्षकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।  चश्मदीद गवाहो के बयान पत्रावली पर दाखिल हैं। कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इसलिए इस स्तर पर न्यायालय प्रार्थी/अभियुक्त को अग्रिम जमानत देना सही नहीं समझता । अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। “

जगदीश कुमार

अतिरिक्त विशेष सत्र न्यायाधीश/एफ.टी.सी 
रोहिणी (नार्थ) दिल्ली

Leave a Comment