Justice R.Banumathi
माननीय सुप्रीम कोर्ट की छठी महिला जज और सबसे बेहतरीन जजों में से एक जस्टिस आर भानुमति का सुप्रीम कोर्ट में आज आखिरी कार्य दिवस था । बार एसोसिएशन ऑफ़ सुप्रीम कोर्ट की तरफ से उनके लिए फेयरवेल पार्टी का आयोजन किया गया था । जिसमें जस्टिस आर. भानुमति ने कहा कि उनका जन्म तमिल नाडु के एक छोटे से गांव में हुआ था। 2 साल की उम्र में ही एक बस एक्सीडेंट में मैंने अपने पिता को खो दिया था। उनकी माताजी ने एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में मुआवज़े के लिए केस फाइल किया था और कोर्ट ने डिक्री ( आदेश ) भी पारित कर दिया । लेकिन प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि हम मुआवजा प्राप्त ही नहीं कर पाए। इस तरह हमारा परिवार खुद देरी से मिले न्याय का शिकार हो चुका है। जस्टिस आर. भानुमति ने अपने कार्यकाल में कई यादगार निर्णय दिए हैं । उन्होंने हमेशा ही नए अधिवक्ताओं को कठिन मेहनत करने और पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया । उन्होंने अपनी फेयरवेल स्पीच में यह भी कहा कि अगर उन्होंने कभी किसी अधिवक्ता की भावनाओं को ठेस पहुंचाई हो तो उन्हें माफ करें । 1988 में 33 साल की उम्र में तमिलनाडु प्रदेश की हायर ज्यूडिशरी सर्विसेज HJS की परीक्षा पास कर उनका चयन जिला एंव सत्र न्यायाधीश के पद पर हुआ और उसके बाद 2003 में उन्हें हाई कोर्ट में जस्टिस के रूप में प्रोन्नत किया गया तथा 13 अगस्त 2014 से वे सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के रूप में अपनी सेवाएँ दे रही थी। आपको भविष्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाये। |